—-दिल तो दिल है—- शब्दरचना पराग पिंगले यवतमाल

दिल तो दिल है की
धडकनेका बहाना ढुंडे….
आग दिल मे है वो बस
सुलगनेका बहाना ढुंडे…
आसमामे तारे बहोत है पर
बादल से वो क्यो ढके है….
चांद वो है जो बस
दिदार का बहाना ढुंडे……
मौसम है जो बहोत
खुशगवार सा है…
ठंडा झोका हवाका वो है
खुदको आजमानेका बहाना ढूंढे….
प्यार वो है जो बस आपसे
हो गया है हमे….
दिल तो दिल है मेरा बस
दिल्लगी का अब बहाना ढूंढे…..
अकेले रहने से हमे
कभी डर नही लगता….
हम तो वो है जो रबसे
झगड़नेका बहाना ढूंढे…
दिलमे अरमान तो बोहोत जो
जो दबाये रखे थे हमने…
बड़ी शिद्दत है उन्हें जो
इकरार का बहाना ढूंढे…
आशिकी पे मेरे कुछ
मैं कह नही सकता….
दिल मेरा बस
शायरी का बहाना ढूंढे….
क्या पाया न पाया
हमने हिसाब न किया…
हम तो वो है जो बस
लुटाने का बहाना ढूंढे…
दिल तो दिल है की
धडकनेका बहाना ढुंडे….
आग दिल मे है वो बस
सुलगनेका बहाना ढुंडे…